तुम ढून्ढों मुझे गोपाल - Tum Dhundho Mujhe Gopal -Hindi Lyrics

Kantharaj Kabali
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तुम ढून्ढों मुझे गोपाल, मैं खोई गैया तेरी
तुम ढून्ढों मुझे गोपाल, मैं खोई गैया तेरी 
सुध लो मोरी गोपाल, मैं खोई गैया तेरी
सुध लो मोरी गोपाल, मैं खोई गैया तेरी

तुम ढून्ढों मुझे गोपाल, मैं खोई गैया तेरी (x2)

पाँच विकार से हाँकी जाये पाँच तत्व की ये देही
पाँच विकार से हाँकी जाये पाँच तत्व की ये देही
पर्वत भटकी दूर कहीं मैं, चैन न पाऊं अब केहीं
पर्वत भटकी दूर कहीं मैं, चैन न पाऊं अब केहीं
ये कैसा माया जाल, मैं उलझी गैया तेरी
ये कैसा माया जाल, मैं उलझी गैया तेरी
सुध लो मोरी गोपाल, मै उलझी गैया तेरी

तुम ढून्ढों मुझे गोपाल, मैं खोई गैया तेरी  (x2)

जमुना तट न, नन्दन वन न, गोपी ग्वाल कोई दीखे
जमुना तट न, नन्दन वन न, गोपी ग्वाल कोई दीखे

कुसुम लता न, तेरी छटा न, पाख पखेरू कोई दीखे
कुसुम लता न, तेरी छटा न, पाख पखेरू कोई दीखे
अब सांझ भई घनश्याम, मैं व्याकुल गैया तेरी
अब सांझ भई घनश्याम, मैं व्याकुल गैया तेरी
सुध लो मोरी गोपाल, मै व्याकुल गैया तेरी
सुध लो मोरी गोपाल, मै व्याकुल गैया तेरी

तुम ढून्ढों मुझे गोपाल, मैं खोई गैया तेरी (x2)

कित पाऊं तरुवर की छांव, जित राधे कृष्ण: कन्हैया
कित पाऊं तरुवर की छांव, जित राधे कृष्ण: कन्हैया

मन का ताप, शाप भट्कन का, तुम ही हरो, हरि रास रचैया
मन का ताप, शाप भट्कन का, तुम ही हरो, हरि रास रचैया
बंसी के हर नाद पे तेरो मधुर तान से तुझे पुकारूं
बंसी के हर नाद पे तेरो मधुर तान से तुझे पुकारूं

राधा कृष्ण: गोविन्द हरि हर, मुरली मनोहर नाम तिहारो
राधा कृष्ण: गोविन्द हरि हर, मुरली मनोहर नाम तिहारो


मुझे उबारो हे गोपाल, मैं खोई गैया तेरी
मुझे उबारो हे गोपाल, मैं खोई गैया तेरी
तुम ढून्ढों मुझे गोपाल, मैं खोई गैया तेरी
तुम ढून्ढों मुझे गोपाल, मैं खोई गैया तेरी 
सुध लो मोरी गोपाल, मैं खोई गैया तेरी
सुध लो मोरी गोपाल, मैं खोई गैया तेरी

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