हे शिव शंकर, हे करुना कर

Kantharaj Kabali
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lord-shivshanker



Singer - Jagjit Singh

हे शिव शंकर, हे करुना कर सुनिए अरज हमारी॥

भव सागर से पार उतारो, आए शरण तिहारी।
हे शिव शंकर, हे करुना कर सुनिए अरज हमारी॥

चन्द्र ललाट भभुत रमाये, कटी पगाम्बेर धरे।
कर मै डमरू, गले भुजंगा, नंदी खड़ो द्वारे॥
हे गंगाधर, दर्श दिखदो, हे भोले भंडारी।
हे शिव शंकर, हे करुना कर सुनिए अरज हमारी॥
भव सागर से पार उतारो, आए शरण तिहारी।
हे शिव शंकर, हे करुना कर सुनिए अरज हमारी॥

जनम मरण के तुम हो स्वामी, हे शंकर अविनाशी।
कण कण मे है रूप तुम्हारा, हे भोले कैलाशी॥
चरण शरण मे आया जोगी, रखियो लाज हमारी।
हे शिव शंकर, हे करुना कर सुनिए अरज हमारी॥
भव सागर से पार उतारो, आए शरण तिहारी।
हे शिव शंकर, हे करुना कर सुनिए अरज हमारी॥

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